Pages

Sunday, October 27, 2013

आदरणीय ! मेरा ऐसा मानना है कि  ये हम सबका सौभाग्य (एक भाग्य नहीं वरन् सौ -भाग्यों का समुच्चय =सौभाग्य  )है कि आपका मार्गदर्शन ,ज्ञानान्धकार रूपी कुहासे को अपगत करती विषयविशेषज्ञता ,विभिन्न विषयों ,कलाओं ,विद्याओं  का दैदीप्यमान रसप्रवाह और आपकी रचनामाधुरी का प्रत्यक्ष श्रवण ,मनन ,निदिध्यासन हमें प्राप्त होता है। न केवल इतना अपितु  जिन्हें शिष्टाचार का  ज्ञान नहीं है ,जो आम आदमी की दिनचर्या से सर्वथा अपरिचित है ,सैन्यज्ञान ,संस्कृतिज्ञान ,वेद ,पुराण ,उपनिषद से जो अनभिज्ञ है इन सबका साक्षात्कार आपके माध्यम से हो जाता है किम्बहुना विभिन्न धर्मग्रन्थों जैसे -बाईबिल ,कुरान-ऐ -पाक ,गुरुग्रंथ साहिब इन सबका सन्क्षिप्त वृत्तान्त भी आपके माध्यम से हमें मिलता रहता है।  अतः आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास भी है की हमारे मानसगमन में अपनी  स्नेहसंवीत अस्तमौनता से नान्यथाभूत भावभुवन का लोक सदा ही सृजित करते रहेंगे। आपको कोटिशः नमन ! 

No comments:

Post a Comment