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Thursday, September 19, 2013

आप समस्त परम आदरणीयों / मित्रों को टिपण्णी  के लिए प्रभूत आभार !
एक बात जो  काबिले गौर  है दुनिया के हर धर्म ,हर मजहब ,हर जाति के लिए मैं  कहना चाहता हूँ कि.……
हर जाति  में  ऐसे महापुरुष / विशिष्ट  व्यक्तित्व  हुए हैं जिनसे प्रेरणा ली जा  सकती है और उन्हें आदर्श बनाया जा सकता है ,इनके उपदेशों और व्यक्तित्व अनुसरण से स्वोत्थान किया जा सकता है , अपना मानसिक उत्थान किसी भी तरीके के आरक्षण और जातिगत राजनीति को कम कर देगा।  और जैसा की आप सबों ने राय व्यक्त की कि ये केवल राजनीति साधने के लिए जीवित है ,अन्यथा ये कब का ख़त्म हो गया होता ,केवल और केवल मानसिक रूप से शशक्त होने की आवश्यकता है हमें ,विश्वास करिए हम दुनिया में किसी से पीछे नहीं होंगे ,फिर  आपस में भी कोई वैमनस्यता नहीं रह जायेगी  और मानसिक उत्थान के लिये किसी के सहारे या धन की आवश्यकता नहीं होती इसके लिए पुस्तकें और विशिष्ट व्यक्तित्व ही पर्याप्त हैं ,सीखिए जितना भी सीखना हो ,अथाह समुद्र है आपके समक्ष ज्ञान रुपी ,पान कर लीजिये जितना भी करना हो क्यूंकि कल आपको इसे बांटना है ,सिखाना है दूसरों को कि  भारतवर्षोंन्नति कैसे हो सकती है   ………………………
जय माँ भारती !
वन्दे वेद मातरम !

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