शिक्षक दिवस(5 सितंबर) –
ऐसे समस्त गुरुओं को कोटि-कोटि नमन जिनसे हमने प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष शिक्षा ली !
जिन्होंने हमें इस योग्य बनाया की हम समाज में बैठ -बोल सकें !
जिन्होंने मोमबत्ती की तरह खुद जलकर हमें प्रकाशित किया !
जिन्होंने अपनी महत्त्वपूर्ण उर्जा हम पर लगाई जब तक वह खुद संतुष्ट नहीं हो गये की हम इस लायक हो गये हैं …………चिरंतन सत्य तो यह है की गुरुजनों हम कभी आपके वास्तविक शिष्य नहीं बन सकते …
क्यूंकि देश प्रेम के जो संस्कार आपने हमें दिए थे उन्हें हम पूरा नहीं कर पा रहे …………………….
शिक्षक दिवस के पावन -पुनीत अवसर पर हम आपको वचन देते हैं की आपका आर्यावर्त आपके सपनों का भारत हम सब मिलकर फिर से बनाने का प्रयत्न करेंगे………….
"गुरु ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात परब्रह्म तस्मैः श्री गुरुवेः नमः।"
गुरुः साक्षात परब्रह्म तस्मैः श्री गुरुवेः नमः।"
चरणचिंतकानुगामी -
-डॉ. धीरेन्द्र नाथ मिश्र 'धीरज '
गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागु पांव, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय। कबीर दास द्वारा लिखी गई यह पंक्तियां जीवन में गुरु के महत्व को वर्णित करने के लिए काफी हैं। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। उनका ऋण हम किसी भी रूप में उतार नहीं सकते लेकिन जिस समाज में हमें रहना है, उसके योग्य हमें केवल शिक्षक ही बनाते हैं। यद्यपि परिवार को बच्चे के प्रारंभिक विद्यालय का दर्जा दिया जाता है लेकिन जीने का असली सलीका उसे शिक्षक ही सिखाता है। समाज के शिल्पकार कहे जाने वाले शिक्षकों का महत्व यहीं समाप्त नहीं होता क्योंकि वह ना सिर्फ आपको सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि आपके सफल जीवन की नींव भी उन्हीं के हाथों द्वारा रखी जाती है।
इसीलिए गुरु की महत्ता को समझते हुए हर वर्ष भारत में पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस यानि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कच्चे घड़े की भांति स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जिस रूप में ढालो, वे ढल जाते हैं। वे स्कूल में जो सीखते हैं या जैसा उन्हें सिखाया जाता है वे वैसा ही व्यवहार करते हैं। उनकी मानसिकता भी कुछ वैसी ही बन जाती है जैसा वह अपने आसपास होता देखते हैं। सफल जीवन के लिए शिक्षा बहुत उपयोगी है जो हमें गुरु द्वारा प्रदान की जाती है। गुरु का संबंध केवल शिक्षा से ही नहीं होता बल्कि वह तो हर मोड़ पर आपका हाथ थामने के लिए तैयार रहता है। आपको सही सुझाव देता है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है, जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण हमारे इतिहास में दर्ज हैं। लेकिन वर्तमान समय में कई ऐसे लोग भी हैं जो अपने अनैतिक कारनामों और लालची स्वभाव के कारण इस परंपरा पर गहरा आघात कर रहे हैं। ‘शिक्षा’ जिसे अब एक व्यापार समझकर बेचा जाने लगा है, किसी भी बच्चे का एक मौलिक अधिकार है लेकिन अपने लालच को शांत करने के लिए आज तमाम शिक्षक अपने ज्ञान की बोली लगाने लगे हैं। इतना ही नहीं वर्तमान हालात तो इससे भी बदतर हो गए हैं क्योंकि शिक्षा की आड़ में कई शिक्षक अपने छात्रों का शारीरिक और मानसिक शोषण करने को अपना अधिकार ही मान बैठे हैं।
किंतु हम बात कर रहे हैं ऐसे गुरुओं की जिन्होंने हमेशा समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। प्राय: सख्त और अक्खड़ स्वभाव वाले यह शिक्षक अंदर से बेहद कोमल और उदार होते हैं। हो सकता है आपके जीवन में भी कभी ना कभी एक ऐसा गुरु या शिक्षक का आगमन हुआ हो जिसने आपके जीवन की दिशा बदल दी या फिर आपको जीवन जीने का सही ढंग सिखाया हो।
रोचक जानकारी
- भारत में जहाँ 'शिक्षक दिवस' ५ सितम्बर को मनाया जाता है, वहीं 'अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस' का आयोजन ५ अक्टूबर को होता है।
- रोचक तथ्य यह भी है कि शिक्षक दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है, लेकिन सबने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह कामकाजी दिन ही रहता है।
- यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस' घोषित किया था। साल १९९४ से ही इसे मनाया जा रहा है। शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी।
- चीन में १९३१ में 'नेशनल सेंट्रल यूनिवर्सिटी' में शिक्षक दिवस की शुरूआत की गई थी। चीन सरकार ने १९३२ में इसे स्वीकृति दी। बाद में १९३९ में कन्फ्यूशियस के जन्मदिवस, २७ अगस्त को शिक्षक दिवस घोषित किया गया, लेकिन १९५१ में इस घोषणा को वापस ले लिया गया।
- साल १९८५ में १० सितम्बर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया। अब चीन के ज्यादातर लोग फिर से चाहते हैं कि कन्फ्यूशियस का जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस हो।
- रूस में १९६५ से १९९४ तक अक्टूबर महीने के पहले रविवार के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता रहा। साल 1994 से विश्व शिक्षक दिवस ५ अक्टूबर को ही मनाया जाने लगा।
- अमेरिका में मई के पहले पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को शिक्षक दिवस घोषित किया गया है और वहाँ सप्ताह भर इसके आयोजन होते हैं।
- थाइलैंड में हर साल १६ जनवरी को 'राष्ट्रीय शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। यहाँ २१ नवम्बर १९५६ को एक प्रस्ताव लाकर शिक्षक दिवस को स्वीकृति दी गई थी। पहला शिक्षक दिवस १९५७ में मनाया गया था। इस दिन यहाँ स्कूलों में अवकाश रहता है।
- ईरान में वहाँ के प्रोफेसर अयातुल्लाह मोर्तेजा मोतेहारी की हत्या के बाद उनकी याद में २ मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। मोतेहारी की 2 मई,१९८० को हत्या कर दी गई थी।
- तुर्की में २४ नवम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वहाँ के पहले राष्ट्रपति कमाल अतातुर्क ने यह घोषणा की थी।
- मलेशिया में शिक्षक दिवस १६ मई को मनाया जाता है, वहाँ इस खास दिन को 'हरि गुरु' कहते हैं।
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