अर्थात कली से नाज़ुक कौन हो सकता है इस सृष्टि में ? और आकाशीय विद्युत से शक्तिशाली कौन ? परन्तु विद्युत एक दो बार में कली का कुछ नहीं बिगाड़ पाती उसके सौ बार चमकने के बाद भी कली में केवल छोटी सी धारी पैदा होती है। इसके सूक्ष्म अन्वेषण के लिए कलियों के समूह पर अगर किसी नुकीली चीज से दबाव दिया जाय तो आप निश्चित नहीं कर सकते की कली के किस भाग में पहले छिद्र हुआ ?
आपकी समीक्षा के लिए मुझे निर्गतनिखिलकल्मषत्व की स्थिति लेकर ,शुद्ध चित्त ,बुद्धमुक्त होकर , स्थितिप्रज्ञ बनकर मूल्याङ्कन करना होगा ,और जैसा आप जानते हैं साधारण मानव की स्थिति में होने के कारण आप जैसे 'योगी' का मूल्याङ्कन करना मेरे लिए थोड़ा कठिन है फिर भी आदेश की अवपालना का प्रयास करूँगा !
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