आज गुरुपूर्णिमा के पावन सुअवसर पर समस्त गुरुजनों का मैं हार्दिक वन्दन ,अभिनन्दन और शत -शत नमन करता हूँ। माता -पिता के बाद जिनसे जीवन के तौर तरीकों को सीखा ऐसे समस्त गुरुओं का मैं नमन करता हूँ, नाम लेकर मैं किसी की भी महत्ता कम नही कर सकता। बड़े -छोटे ,जलचर ,नभचर ,स्थलचर जिनसे भी मैं कुछ सीख सका या सीखने की प्रक्रिया में हूँ सबका मैं हृदय से आभारी हूँ। 'मुखपुस्तक' दुनिया में भी समस्त आदरणीयों एवं कनिष्ठों का भी मैं शत-शत वंदन ,अभिनन्दन और नमन करता हूँ।
गुरुपूर्णिमा की कोटिशः शुभकामनाएं
गुरुपूर्णिमा की कोटिशः शुभकामनाएं
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