Pages

Friday, July 18, 2014

विनम्रता कभी भी किसी के आश्रय पर अवलम्बित नही होती ,हम तब भी निरहंकार और विनम्र हो सकते हैं जब कोई दूसरा उपस्थित न हो ;यदि हमें विनम्र और निरहंकार होने के लिए किसी दूसरे की आवश्यकता है तो यह विनम्रता नही निर्भरता है।  अतः स्वाभाविक और स्थायी विनम्रता के मालिक बनिये ,सदैव विनम्र रहने का प्रयास करिये।  

No comments:

Post a Comment