आज राहुल और केजरीवाल का बयान काफी मिलता जुलता समझ में आया जहाँ एक ओर केजरीवाल खुद सरकार होकर धरने की बात कर रहें हैं वहीं दूसरी ओर राहुल अपनी ही सरकार से सिलिण्डर माँगते दीखे ,राहुल की ख्वाहिश तो पूरी हो गयी क्यूंकि शहजादे हैं लेकिन केजरीवाल का क्या होगा ये अनुत्तरित ही रह गया। निष्कर्ष ये कि जनता के सामने कुछ और यथार्थ में कुछ और आखिर कब तक चलेगी ये नौटंकी ?
No comments:
Post a Comment