रावण के वंशज बहुमत में ,ओ कवि ! चिल्लाकर क्या होगा ?
अन्याय संगठित हो बैठा पुतले सुलगाकर क्या होगा ?
जब शासक वल्कल पहनेगा ,वनवासी सामन पायेगा ,
कवि कहता है उस दिन रावण ,बिन मारे ही मर जायेगा।
अन्याय संगठित हो बैठा पुतले सुलगाकर क्या होगा ?
जब शासक वल्कल पहनेगा ,वनवासी सामन पायेगा ,
कवि कहता है उस दिन रावण ,बिन मारे ही मर जायेगा।
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