टीआरपी की रेस भी गजब की है भाई ,हमारे लेखक ,बुद्धिजीवी ,पत्रकार ,कलमकार सभी को फेम चाहिए। कोई भक्तिभाव में है तो कोई विरक्ति भाव में ,जो भक्तिभाव में है उनका तो फिर भी सही है परन्तु जो विरक्ति वाले हैं वो अपना स्टैण्ड एक बार क्लियर कर लें। कहीं केवल प्रसिद्धि वाला विरोध तो नहीं है ये ,अगर केवल प्रसिद्धि वाला है तो समझिए राई का पहाड़ है. ये भरभरा कर गिरेगा और जब गिरेगा तो सब बेकार हो जायेगा अतः या तो सशक्त विरोधी बनें या फिर समर्पित समर्थक। बीच वाला मामला टिकता नही गुरु । बाकी आपको जो ठीक लगे।
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